जोधपुर। राजस्थान ग्वार दाल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से कृषि मंडी टैक्स के कारण बर्बाद हो रहे ग्वारगम व्यापार और उद्योग को बचाने की गुहार करते हुए इस बार बजट में राहत देने की मांग की है। पड़ोसी राज्यों में मण्डी टैक्स जीरो प्रतिशत होने के कारण राजस्थान से किसान और व्यापारी पलायन करने लगे हैं यदि इस पलायन को नहीं रोका गया तो धीरे-धीरे राजस्थान से ग्वारगम व्यवसाय का नामों निशान मिट जाएगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक एस तातेड़ और सचिव श्रेयांश मेहता ने बताया कि किसानों और व्यापारियों के साथ पशुपालक भी बहुत अधिक परेशान है क्योंकि उन्हें पशु आहार भी पंजाब और हरियाणा से महंगे दामों में लाना पड़ रहा है जबकि जोधपुर में ग्वारगम की अच्छी इंडस्ट्री है लेकिन धीरे-धीरे फैक्ट्रियां बंद हो रही है। मिलें बंद होने से यह व्यापार पूरी तरह से चौपट हो रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान हालात के चलते राजस्थान का किसान पलायन करके अपना माल पड़ोसी राज्यों में बेचने लगे हैं, फैक्ट्रियां बंद होने लगी है, ऐसे में ग्वारगम व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से दस जुलाई को पेश किए जाने वाले बजट में ग्वारगम उद्योग पर लगाए गए मण्डी टैक्स 2.60 प्रतिशत को समाप्त करने की मांग है।
एसोसिएशन के सचिव श्रेयांश मेहता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ग्वारगम व्यापारियों की तरफ से बताया है कि राजस्थान के पड़ौसी राज्यों हरियाणा, दिल्ली, पंजाब व गुजरात में कृषि आधारित एवं खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों को कृषि मण्डी टेक्स में छूट प्रदत्त है। हरियाणा में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन देने हेतु हाल ही में नीति घोषित करते हुए सम्पूर्ण रूप से मण्डी टेक्स में कच्चे माल हेतु शत-प्रतिशत छूट प्राप्त है। वहीं प्रदेश में प्रचुर मात्रा में उत्पादित होने वाला ग्वार का प्रसंस्करण राज्य के पड़ोसी राज्यों जहां पर कृषि मण्डी टेक्स में छूट है, में जाकर होता है जिससे राज्य के मौजूदा ग्वारगम आधारित उद्योग बंद होने की कगार पर है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य में ग्वारगम उद्योग को मण्डी टेक्स में शत-प्रतिशत की छूट प्रदान की जानी चाहिए जिससे राज्य के ग्वार गम आधारित उत्पाद अन्य राज्यों के ग्वारगम व ग्वारगम आधारित उद्योगों से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे व प्रदेश में ग्वारगम व ग्वारगम आधारित उद्योगों में त्वरित वृद्धि होगी व नये निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा व ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।