जोधपुर। सूर्यनगरी में विभिन्न स्थानों पर शुरू हो रहे चातुर्मास के लिए जैन धार्मिक स्थलों, मंदिरों और उपासरों में जैन संतों, मुनियों और साध्वीवृंद के चातुर्मास प्रवेश शुरू हो गए। सोमवार को भी कई स्थानों पर जैन संतों व साध्वियों ने मंगल प्रवेश किया। चातुर्मास के दौरान जैन संत और साध्वी अपने प्रवचन में लोगों को जीवन जीने की कला का संदेश देंगे।
खेरादियों का बास राजेन्द्र भवन में सोमवार को जयन्तसेन सूरिश्वर समुदाय की शिष्या साध्वी कारुण्यलता, वीतरागलता, शत्रुंजयलता, समत्वलता का चातुर्मास प्रवेश हुआ। संघ अध्यक्ष पारस पोरवाल व सचिव हीराचंद भंडारी ने बताया कि साध्वी समुदाय ने भैरुबाग जैन तीर्थ से सोमवार सुबह संघ के साथ रवाना होकर चातुर्मास के लिए प्रवेश किया। संघ उपाध्यक्ष महेन्द्र सुराणा व गौतम खिंवसरा ने बताया कि साध्वी समुदाय का जोधपुर में पहली बार आगमन हुआ है। वहीं श्रमण संघीय सलाहकार उप प्रवर्तक विनय मुनि आदि ठाणा तथा साध्वी प्रतीक, निधिश्री, मुदित प्रभा आदि का चातुर्मासिक प्रवेश भी आज सुबह सरदारपुरा स्थित कोठारी भवन से होते हुए सिवांचीगेट, खाण्डा फलसा, सिरे बाजार होते हुए कपड़ा बाजार स्थित महावीर भवन निमाज की हवेली में हुआ। इसी तरह नागोरी गेट स्थित मुहताजी मंदिर में आचार्य जयचंद्र सूरी व मुनि तत्वानंद विजय, नीतिसूरी समुदाय की साध्वी हर्षप्रभाश्री आदि का चातुर्मास के लिए प्रवेश हुआ। संघ के दिलीप जैन व ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मुहता ने बताया कि आचार्य का सुबह महामंदिर से बधावणा किया गया।
वहीं श्री साधु मार्गी जैन परम्परा के राष्ट्रीय सन्त आचार्य रामेश के सान्निध्य में विचरण करने वाली साध्वियों का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश भी कमला नेहरू नगर प्रथम विस्तार में आचार्य श्री नानेश मार्ग स्थित समता भवन एवं पावटा बी रोड स्थित चोरडिया भवन में सादगीपूर्ण रूप से सम्पन्न हुआ। समता भवन में आचार्य रामेश की आज्ञानुवर्तीनी सुशिष्या पर्यायज्येष्ठा महासती, चंद्रकला महाराज, शासन दीपिका काव्ययशा महाराज, जयामिश्रीजी महाराज, शाश्वत श्रीजी महाराज, श्रुतिप्रज्ञा महाराज आदि ठाणा 5 ने मंगल प्रवेश किया। वहीं दूसरी ओर पावटा बी रोड स्थित चोरडिया भवन में आचार्य रामेश की सुशिष्या पर्याय ज्येष्ठा साध्वी, प्रभात श्रीजी महाराज, दीपिका साध्वी, वरण श्री जी महाराज, साध्वी खुशाल श्री जी महाराज, सुभदा श्री जी महाराज ठाणा 4 का चतुर्मासिक मंगल प्रवेश सम्पन्न हुआ।