जोधपुर। शिवम् नाट्यालय का 50वां अरंगेत्रम जगशांति ऑडिटोरियम बासनी सेकंड फेस में संपन्न हुआ जिसमें सिमरन शर्मा ने अपनी गुरु के साथ घुंघरू पूजा कर घुंघरू ग्रहण किए।
अपनी प्रथम प्रस्तुति पुष्पांजली ताल आदितालम में की। उसके बाद अलारिपु चतुरस्य एकम ताल में व जातिस्वरम राग हेमावती में प्रस्तुत किया। शब्दम में द्रोपदी चीर हरण पर कृष्ण लीला का भावपूर्ण अभिनय पेश किया। चिदंबरम की कविता नल्ला शगुनम पर आधारित वर्णम राग मालिका में एवं पराशक्ति जननी द्वारा पदम की बारीकियों को व दुर्गा के श्रृंगार रस, वियोग रस, वीर रस और रौद्र रस को आदितालम में दिखाकर सबको भावविभोर कर दिया। राग बहाग में तिल्लाना प्रस्तुत कर खूब तालियां बटौरी। अंत में मंगलम प्रस्तुत कर शिष्या ने अपने गुरु एवम् दर्शकों को धन्यवाद कर आशीर्वाद लिया। गुरु डॉ.मंजूषा सक्सेना ने शिष्या को भारतीय संस्कृति एवं भरतनाट्यम गुरु शिष्य परंपरा को निभाने हेतु शपथ ग्रहण करवाई। साथ ही उन्हें अरंगेत्रम की डिग्री प्रदान की। मंच संचालन संस्थान की सीनयर छात्राएं एंजल बोहरा एवं वैशवी सिंह द्वारा किया गया।