जोधपुर। बाल बसेरा सेवा संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह का आज किशोर न्याय समिति राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के अध्यक्ष एवं न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग ने निरीक्षण किया। उन्होंने संस्थान के नवनिर्मित बालगृह भवन का अवलोकन करते हुए संस्थान द्वारा बच्चों को प्रदत्त सुविधाए एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
इस अवसर पर न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग ने बच्चों के साथ संवाद करते हुए पोशाक एवं शिक्षण सामग्री वितरित की तथा संस्थान से जुड़े सेवाभावी कार्यकर्ताओं का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों के चेहरों की मुस्कुराहट बता रही है कि संस्थान बाल कल्याण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ सेवा कार्य कर रहा है तथा यहां पर समस्त आवासित बच्चों की देखभाल एवं परवरिश बहुत अच्छी तरह से हो रही है। अतिथियों का स्वागत करते हुए बाल बसेरा सेवा संस्थान के अध्यक्ष दिनेश जोशी ने बताया कि बाल बसेरा सेवा संस्थान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य समाज में एचआईवी संक्रमित बच्चों एवं महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाना है तथा समाज में एचआईवी व एड्स के संक्रमण की रोकथाम करना है। वर्तमान में संस्थान के द्वारा एचआईवी पीडि़त बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए केयर एण्ड सपोर्ट सेन्टर (बालगृह) का संचालन जोधपुर में किया जा रहा है। जहां पर कुल 82 बालक व बालिकाओं को सुरक्षित आवास, भोजन, शिक्षा, देखरेख एवं चिकित्सा तथा खेलकूद व मनोरंजन जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि हार्टफुलनेस कोच संगीता गर्ग थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक डॉ बीएल सारस्वत ने की गई। कार्यक्रम का संचालन राकेश कुमार चौधरी ने किया तथा बाल बसेरा सेवा संस्थान की ओर से धन्यवाद ज्ञापन डॉ राम अकेला ने किया। कार्यक्रम के समापन के बाद न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग ने बाल गृह के समस्त बच्चों को स्वयं अपने हाथों से भोजन परोसा गया। इस अवसर पर एडवोकेट सुरेंद्र सिंह शक्तावत, बाल कल्याण समिति सदस्य गंगाराम देवासी, अनिल मरवण, समाजसेवी रमेश छाजेड़, प्रलयंकर जोशी, मनोज पुरी गोस्वामी, दीपक सोनी, प्रमोद धनाडिय़ा, गीतू सिंह गहलोत तथा संस्था सचिव भावना पारीक एवं बालगृह में कार्यरत समस्त कर्मचारी उपस्थित थे।