जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की राव चन्द्रसेन शोधपीठ (इतिहास विभाग) एवं महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र, मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में 483वीं वीरवर राव चन्द्रसेन जयन्ती समारोह मंगलवार को न्यू कैम्पस स्थित स्वर्ण जयन्ती सभागार में समारोहपूर्वक मनाया गया।
महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र के सहायक निदेशक डॉ. महेन्द्रसिंह तंवर ने बताया कि कार्यक्रम में वीरवर राव चन्द्रसेन स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसके मुख्य वक्ता प्रो. जहूर खां मेहर व मुख्य अतिथि पूर्व नरेश गजसिंह थे। अध्यक्षता जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) केएल श्रीवास्तव ने की। बतौर विशिष्ट अतिथि कला संकाय के अधिष्ठाता के प्रो. मंगलाराम उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि राव चन्द्रसेन मध्यकालीन भारत के प्रतापी शासक मेवाड़ के महाराणा प्रताप के अग्रज और उनके प्रेरणा स्त्रोत माने जाते हैं, जिन्होंने अपनी ताउम्र मुगल शासक अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और ना ही अपने घोड़ों पर शाही दाग लगने दिया। उनकी स्मृति को चिरस्थायी रखने हेतु दोनों संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। राव चन्द्रसेन शोधपीठ की निदेशक प्रो. (डॉ.) सुशीला शक्तावत ने बताया कि इस अवसर पर इतिहासविद् प्रो. जहूर खां मेहर ने राव चन्द्रसेन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व और उनकी शौर्य गाथा पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया।