14 घण्टे तक निरन्तर मौन जाप
खेरादियो का बास स्थित श्री राजेन्द्र सूरि जैन ज्ञान मंदिर त्रिस्तुतिक पौषधशाला में साध्वी कारुण्य लता श्री ने *राजेन्द्र भवन* में नौ दिवसीय नमस्कार महामंत्र आराधना के दूसरे दिन दूसरे पद *नमो सिद्धाणं* पर धर्म सभा में साध्वी श्री ने कहा कि जो यहां से सिद्ध हो गए हैं, जिनके पास अब भौतिक शरीर नहीं है और वे फिर से एक और शरीर प्राप्त नहीं करेंगे। वे निरंतर सिद्ध स्थिति में हैं। हम ऐसे सिद्ध भगवान को नमन करते हैं। सिद्ध लोगों से तात्पर्य उन लोगों से है जिन्होंने मुक्त अवस्था प्राप्त कर ली है. ऐसे लोग लाखों में एक होते है. मुक्त अवस्था का मतलब यह नहीं कि उन्होंने संसार में रहना ही छोड़ दिया है.मुक्त अवस्था का मतलब आत्मज्ञान से है. वैसे लोग जिन्होंने अपनी खुद की सच्चाई को जान लिया है, उन्हें सिद्ध पुरुष कहा गया है. अपने भीतर के क्रोध-मान-माया-लोभ, राग-द्वेष रूपी शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान ऋषभदेव और भगवान महावीर ये सब अब सिद्ध लोक में हैं जहां निरंतर वे सिद्ध अवस्था में हैं.
संघ की तप समिति के अनुसार पुरुष वर्ग में जीवन भंडारी, हस्तीमल भंसाली, सुरेश लूँकड़,
सायर बोहरा, महावीर बागेरचा,धर्मेन्द्र वेदमुथा कमल बाफना, अशोक लूँकड़ एवं हितेष मुथा नमस्कार मंत्र की नौ दिवसीय आराधना में
जुड़े हुए हैं।
संघ सदस्य श्री गौतम खींवसरा बताया कि कल जैन धर्म के 23 वे तीर्थंकर प्रभु श्री पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया जा रहा हैं, इस अवसर पर सुबह 6 बजे से रात्रि 8.00 बजे तक आराधक निरंतर 14 घण्टे तक का नमस्कार मंत्र का मौन जाप करेंगे. इस दिन 22 आराधक उपवास, 40 आराधक आयम्बिल, एकासना, बयासना तप आराधना करेंगे। श्री अवंति पार्श्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।j