चातुर्मास महोत्सव दौरान नमस्कार महामंत्र की अखंड आराधना मय तप के चल रही है। मंत्र का जाप जीवन में सतत किया तो आगे आने वाले भवों में मोक्ष मिल सकता है। यह बात खेरादियो का बास स्थित श्री राजेन्द्र सूरि जैन ज्ञान मंदिर त्रिस्तुतिक पौषधशाला में साध्वी कारुण्य लता श्री ने धर्मसभा में कही। साध्वीश्री की निश्रा में नाै दिन की आराधना हाे रही है। प्रवचन के दौरान राष्ट्रसंत जयंतसेन सूरीश्वरजी द्वारा रचित नवकार महामंत्र के अड़सठ अक्षरों के नव पदों की आज भाव यात्रा करवाई गई । प्रथम पद नमो अरिहंताणं से अंतिम नौवे पद तक कुल 68 तीर्थों की 68 परिवारो के 104 सदस्यों ने अक्षत, धूप, फल, दीपक, नैवेद्य के साथ पूजन किया गया. 2:15 घंटे चले इस भाव यात्रा में प्रभु श्री व गुरुदेव श्री का सभी श्रद्धालुओं ने वासक्षेपक पूजन किया।
संघ अध्यक्ष पारस पोरवाल के अनुसार अहमदाबाद से पधारे मनोज-कैलाश भंडारी, व मंजु बोहरा, सपना-दिलीप लूँकड़ ने भाव यात्रा को संगीत मय बनाते हुए भजनों की प्रस्तुति दी।
भाव यात्रा के लिये कमलेश सेठ, धर्मेश सुराणा, महावीर बागरेचा, सुरेश लूँकड़ ने भव्य मंच की रचना की एवं कलावती बागरेचा व सोनल सालेचा ने गेहूली से कृति का निर्माण किया.
नमस्कार महामंत्र आराधना के तप, पूजन, प्रभु व गुरूदेव की आरती का लाभ श्रीमती कमला देवी-हस्तीमल भंडारी परिवार व प्रभु दीपक का श्री जीवन सा भंडारी को प्राप्त हुआ