जोधपुर, 20 अगस्त 2024: श्री राजेन्द्र सूरि जैन ज्ञान मंदिर त्रिस्तुतिक पौषधशाला, खेरादियो का बास में साध्वी कारुण्य लता श्री द्वारा आयोजित धर्म सभा में रक्षाबंधन के सच्चे अर्थों पर प्रकाश डाला गया। साध्वी श्री ने बताया कि रक्षाबंधन का पर्व केवल भाई द्वारा बहन की रक्षा का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसका वास्तविक स्वरूप जीवों की रक्षा, अहिंसा की रक्षा और धर्म की रक्षा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पर्व का सार यह है कि व्यक्ति अपने भीतर करुणा को जाग्रत करे और संसार के सभी जीवों के प्रति मित्रता और दया का भाव अपनाए।
धर्म सभा के दौरान साध्वी श्री ने कहा, “रक्षाबंधन को सच्चे अर्थों में मनाना है तो हमारे अंदर करुणा, अनुकम्पा, दया और वात्सल्य का भाव प्रकट होना चाहिए। यह पर्व केवल एक दिन के लिए नहीं बल्कि सदैव हमारे जीवन का हिस्सा होना चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि रक्षाबंधन का वास्तविक अर्थ है कि हमारा करुणा भाव तन, मन, धन से अभिव्यक्त हो और यह हमारे स्वभाव का हिस्सा बन जाए।
इस अवसर पर संघ सदस्य धर्मेन्द्र वेदमुथा और अशोक लूँकड़ ने बताया कि नौ दिवसीय नमस्कार महामंत्र आराधना की आज पूर्णाहुति हुई। आराधना के अंतिम दिन परमात्मा, गुरुदेव श्री, और इस आराधना के प्रेरक पुण्य सम्राट श्री जयंत सेन सूरीश्वर जी म.सा का पूजन किया गया। नमस्कार महामंत्र के पट्ट पर वासक्षेप पूजन भी सम्पन्न हुआ।
संघ प्रभावना का लाभ रमेश सालेचा एवं सुगन कंवर वेदमुथा परिवार ने लिया, जबकि समापन मंगल आरती का लाभ पृथ्वीराज भंडारी परिवार ने प्राप्त किया। कल सभी आराधकों का संघ द्वारा बहुमान किया जाएगा।