88 सामायिक आराधना व 51 तपश्चर्या सम्पन्न, महिला मंडल की ओर से नाट्य प्रस्तुति
खेरादियो का बास स्थित श्री राजेन्द्र सूरि जैन ज्ञान मंदिर त्रिस्तुतिक पौषधशाला में साध्वी कारुण्य लता श्री ने सामायिक विषय पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सामायिक का अर्थ है समता की साधना, इस क्रिया में जैन श्रावक-श्राविका एकांत भाव में रहकर तीर्थंकरों व धर्म का चिंतन करते हैं. एक आत्मा प्रतिदिन लाख मुद्राओं का दान करती है और दूसरी मात्र दो घड़ी की शुद्ध सामायिक करती है, तो वह स्वर्ण मुद्राओं का दान करने वाली आत्मा, सामायिक करने वाले की समानता प्राप्त नहीं कर सकती. सामायिक का अर्थ है आत्मा में रमण करना. समता पूर्वक पाप का त्याग करना ही सामायिक है।
संघ की आराधना समिति सदस्य महावीर बागरेचा ने बताया कि पुण्य सम्राट राष्ट्रसंत जयन्तसेन सूरीश्वर म.सा.की 88 वी मासिक पुण्यतिथि पर 61 आराधकों द्वारा 88 सामायिक की आराधना की गई. तप समिति के सदस्य अशोक लूँकड़ ने बताया कि तपश्चर्या दिवस पर 51 आराधकों ने उपवास, आयम्बिल एकासना व्रत रखा जिसमें 27 आराधकों ने संयोजन रहित 6 द्रव्य से एकासना व्रत किया.
संघ महिला मंडल की सदस्या शिखा सिंघवी व प्रिया चंडालिया के निर्देशन में ज्योति भंडारी, निकिता भंडारी, दीपशिखा चंडालिया, दीक्षा भंडारी, जिनाज्ञा सिंघवी, अंकिता सालेचा, ध्वजा भंडारी, कुशाग्र मेहता, कशिश सालेचा, हर्ष मेहता ने पार्लियामेंट और चलो पाठशाला की नाट्य प्रस्तुति दी.
संघ प्रभावना का लाभ नीरू लोढ़ा एवं मंगल आरती का लाभ विनोद सिंघवी परिवार ने लिया.