-1.4 C
New York
Thursday, December 26, 2024

प्रतिक्रमण से आत्मा के अशुभ विचार नष्ट होकर शुभ भाव उत्पन्न होते है : साध्वी कारुण्य लता श्री

प्रतिक्रमण शब्द का अर्थ है कि वापस लौटना। कहां से वापस लौटना ? पाप से, दोष से बुराई से. अशुभ योगों में भ्रमण कर रही आत्मा को शुभ योगों में लाना उसका नाम प्रतिक्रमण है. खेरादियो का बास स्थित श्री राजेन्द्र सूरि जैन ज्ञान मंदिर त्रिस्तुतिक पौषधशाला में साध्वी कारुण्य लता श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिक्रमण से आत्मा के अशुभ विचार नष्ट होकर शुभ भाव उत्पन्न होते है. शुभ पुण्य का बंध होता है जिससे आत्मा को सद्गति की प्राप्ति होती है. प्रतिक्रमण का मुख्य लक्ष्य आत्मा को पाप प्रवृति से वापस मोड़ना है।
प्रतिक्रमण से अतिक्रम, व्यतिक्रम, अतिचार के दोष से पीछे हठ सकते है. प्रतिक्रमण करने से फल स्वरूप में अपने अशुभ कर्मों के बंधन कम होंगे, और आत्मा को अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में सफल बनेंगे।
रविवार को आयोजित धार्मिक प्रश्नोत्तरी के परिणामों में वीणा गांधी प्रथम, रेखा वेद मुथा-द्वितीय, सपना लूँकड़, महावीर बागरेचा तृतीय स्थान पर रहे, इन्हें संघ की ओर से पारितोषिक प्रदान किये गये. संघ प्रभावना का लाभ सायर बोहरा एवं मंगल आरती का लाभ पृथ्वीराज भंडारी परिवार ने लिया।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Follow Me

16,500FansLike
5,448FollowersFollow
1,080SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles