2.3 C
New York
Saturday, January 11, 2025

अंगदान से मिला चार लोगों को नया जीवन

जोधपुर, 31 अगस्त। एम्स जोधपुर में आज एक ब्रेन डेड/मृत मरीज के अंग दान किये गए, जब सड़क दुर्घटना की शिकार जैतारण, ब्यावर निवासी 46 वर्षीय श्रीमती कंवराई देवी के परिवार ने जरूरतमंदों को जीवन का उपहार देने के लिए उनके अंग दान करने का फैसला किया। श्री रतन लाल की पत्नी श्रीमती कंवराई देवी 28 अगस्त को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गईं थी। उन्हें ईएनटी रक्तस्राव, शरीर पर कई खरोंचों और बेहोशी की हालत में एम्स जोधपुर के आपातकालीन विभाग में लाया गया। सर्वोत्तम चिकित्सा प्रयासों के बावजूद, 30 अगस्त को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। अत्यधिक साहस और करुणा का परिचय देते हुए, कंवराई देवी का परिवार उनके अंगों को दान करने के लिए सहमत हो गया। इस निर्णय के बाद, उसी दिन दूसरा एपनिया परिक्षण किया गया, जिसमें मस्तिष्क मृत्यु की पुष्टि की गई।इसके पश्चात् परिवार से लिखित सहमति प्राप्त की गई और अंग दान की प्रक्रिया शुरू की गई।

 संभावित प्राप्तकर्ताओं में प्रत्यारोपण के लिए दानकर्ता की किडनी, लीवर और हृदय को निकाला गया। एक किडनी एम्स जोधपुर को तथा दूसरी किडनी और हृदय एसएमएस अस्पताल जयपुर को तथा लीवर महात्मा गाँधी अस्पताल जयपुर को आवंटित की गई। किडनी, लीवर और हृदय को पहले एम्स से जोधपुर एयरपोर्ट और फिर हवाई मार्ग से जयपुर भेजा गया। उसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किडनी और हृदय को जयपुर एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से एसएमएस जयपुर तथा लीवर को महात्मा गाँधी अस्पताल जयपुर भेजा गया। 46 वर्षीय “कंवराई देवी” का यह निस्वार्थ कार्य कई जिंदगियों को बचाएगा और भारत में अंग दान के महत्व को रेखांकित करेगा।

ऑर्गन रिट्रीवल प्रक्रिया को एम्स जोधपुर के ऑर्गन ट्रांसप्लांट टीम द्वारा कार्यकारी निदेशक प्रो. जी.डी. पुरी, ट्रांसप्लांट टीम के अध्यक्ष प्रो. ए.एस. संधू, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक झा और ट्रांस्प्लांट प्रोग्राम के नोडल ऑफिसर डॉ शिव चरण नावरिया की देखरेख में सटीकता के साथ अंजाम दिया गया।

ऑर्गन रिट्रीवल प्रक्रिया के बाद शव को पूरे सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ परिवार को सौंप दिया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान परिवार को अपनी आध्यात्मिक मान्यताओं का पालन करने का अवसर दिया गया और वे दूसरों के जीवन को बचाने में अपने निर्णय के महत्व को समझते हुए इस महादान के कार्य में सहयोगी बने। करुणा का यह कार्य दानकर्ता के परिवार की सहानुभूति के बिना संभव नहीं होता, जिन्होंने अपने दुःख के क्षण में, अंग दान का महान मार्ग चुना। चिकित्सा पेशेवरों के अटूट समर्पण और एम्स प्रशासन सहित पुलिस और प्रशासनिक सेवाओं के समर्थन के साथ उनके निर्णय ने चार नए लोगो को जीवन का उपहार दिया है।

एम्स जोधपुर अंगदान के इस नेक काम के लिए दानकर्ता के परिवार के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता है और दुख की इस घड़ी में उनके साथ एकजुटता से खड़ा है। हम प्रशासन और पुलिस को भी पूरी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए धन्यवाद देते हैं। इस महादान को आशा की एक किरण के रूप में काम करना चाहिए, और अधिक से अधिक व्यक्तियों को अंग दान के निस्वार्थ कार्य के माध्यम से होने वाले गहरे प्रभाव पर विचार करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। आज, एम्स जोधपुर ने प्रशासन के सहयोग से एक बार फिर मानवीय भावना में मौजूद अच्छाई की उल्लेखनीय क्षमता की पुष्टि की है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Follow Me

16,500FansLike
5,448FollowersFollow
1,080SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles