पर्युषण पर्व हमारे विवेक और वैराग्य के जागरण का पर्व है: साध्वी कारुण्य लता श्री
पर्व पर्युषण पर प्रभु व गुरुदेव की विशेष अंग रचना
खेरादियो का बास स्थित श्री राजेन्द्र सूरि जैन ज्ञान मंदिर त्रिस्तुतिक पौषधशाला में साध्वी कारुण्य लता श्री की निश्रा में आत्म जागरण के महापर्व पर्युषण के प्रथम दिन अष्टाहनिका प्रवचन पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पर्युषण पर्व आराधना ओर उपासना का पर्व हैं. वर्ष भर में तो समय की समस्या रहती हैं परंतु इन आठ दिनों में प्रभु दर्शन, वंदन ओर पूजन करने का सत्कार्य हमें अवश्य करना चाहिये. सम्पूर्ण विश्व में पर्युषण ही ऐसा पर्व है जो मित्रता को बढ़ावा देने और वैर भाव के लिए क्षमा मांगने की प्रेरणा प्रदान करता हैं. उन्होंने कहा कि श्रावक को विचार करना चाहिए कि अनंत जन्मों के पुण्य से जिनशासन में जन्म एवं आरोग्य मिला है, उसके बाद भी यदि जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया तो कब करेंगे. पर्युषण हमारे विवेक और वैराग्य के जागरण का पर्व है.
संघ तप आराधक समिति सदस्य सायर बोहरा ने बताया कि आज 88 संघ सदस्यों के उपवास, आयम्बिल, एकासना की तपश्चर्या रहीं, सैकड़ों श्रद्धालुओ ने पौषध, प्रतिक्रमण, सामायिक की आराधना की. अवंति पार्श्वनाथ जिनालय में प्रभु पूजा का लाभ लीलादेवी कानूगो परिवार द्वारा लिया गया, प्रभु व गुरुदेव की विशेष अंग रचना की गयी, एवं प्रभु भक्ति का आयोजन किया गया. तिलक लगा कर संघ पूजा का लाभ सुखी देवी लूँकड़ प्रभु व गुरूदेव की आरती का लाभ सुरेश भंडारी एवं ३४ लाभार्थी परिवार ने संघ पूजा व आंगी का लाभ लिया.