खेरादियों का बास स्थित राजेन्द्र भवन में पर्युषण महापर्व के छठे दिन साध्वी कारुण्य लता श्री ने कल्प सूत्र का वांचन करते हुए कहा कि भगवान की शरण व्यक्ति को अहंकार से मुक्त कर मोक्ष की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा कि 24 तीर्थंकरों के जीवन चरित्र और साधु-साध्वियों के आचरण के साथ श्रावक-श्राविकाओं की पवित्र जीवनशैली का उल्लेख इस सूत्र में किया गया है।
इस अवसर पर साध्वी श्री ने कहा कि भारत भूमि पर जन्म लेना बहुत ही पुण्य का फल है, जहां हम प्रभु की वाणी सुन सकते हैं और उसे आत्मसात कर सकते हैं। साध्वी कारुण्य लता श्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा और पालन करने की प्रेरणा दी।
वांचन के दौरान प्रभु महावीर के गुरुकुल जाने की घटना के प्रतीक रूप में, धर्म सभागार में उपस्थित सभी बालक-बालिकाओं को महेन्द्र सुराणा के माध्यम से अध्ययन सामग्री का प्रभावना वितरण किया गया।
तप समिति के कमल बाफना ने जानकारी दी कि चातुर्मास के दौरान संघ सदस्यों द्वारा सिद्धी, वर्षी, मोक्ष दंड, अठाई, अट्ठम, बेला, उपवास, आयम्बिल, एकासना, बयासना तप के साथ प्रतिदिन प्रतिक्रमण और सामायिक की आराधना की जा रही है।
अवंति पार्श्वनाथ मंदिर में रात्रि में भक्ति और आरती के कार्यक्रम होते हैं। मंजू बोहरा, दिलीप-ललिता-सपना-खुशबू लूँकड़, दीक्षा और हनी भंडारी द्वारा भव्य आंगी रचना की जा रही है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।