पाली, राजस्थान: सड़कों की बदहाली से त्रस्त पालीवासियों की पीड़ा अब सोशल मीडिया पर एक व्यंग्यात्मक ईमेल के जरिए सामने आई है। एक सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता निखिल व्यास द्वारा कलेक्टर को भेजा गया यह ईमेल तेजी से वायरल हो रहा है। व्यास ने शहर की टूटी-फूटी सड़कों पर तंज कसते हुए लिखा कि गड्ढों के साथ उनका गहरा रिश्ता बन गया है और वे इन गड्ढों के बीच सफर करते हुए ‘एडवेंचर’ का आनंद ले रहे हैं।
ईमेल में उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, “कृपया सड़कों को गड्ढों के बीच से हटवा दें ताकि हमें इस रोमांचक सफर में और भी मजा आ सके।” व्यास के इस तंज ने सोशल मीडिया पर पाली की सड़कों की बदहाली को लेकर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। पाली की सड़कें अब मीम्स का विषय बन चुकी हैं, जिनमें शहर की सड़कों की तुलना केरल की बाढ़ ग्रस्त सड़कों से की जा रही है।
सड़कों की दयनीय स्थिति, प्रशासन बेपरवाह
पाली शहर में सड़कों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि बारिश के बाद गड्ढों में पानी भर गया है, जिससे लोगों का चलना-फिरना दूभर हो गया है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर गुस्सा जाहिर किया है, क्योंकि सड़कों के सुधार को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। कुछ कॉलोनियों में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं।
पाली में सड़कों पर बने इन गड्ढों ने सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ ला दी है, जहां यूजर्स मजाकिया अंदाज में इस गंभीर समस्या की तरफ इशारा कर रहे हैं। यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खरा द्वारा किए गए दौरे के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे शहरवासियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
पाली की सड़कों की बदहाली पर वायरल हुआ यह ईमेल एक उदाहरण है कि कैसे आम जनता व्यंग्य के माध्यम से प्रशासन की अनदेखी को सामने ला रही है। अब यह देखना होगा कि इस व्यंग्यात्मक आलोचना के बाद प्रशासन कोई कदम उठाता है या नहीं।