जोधपुर: ऑक्सीजन पर है दिव्यांग विश्वविद्यालय, कुलपति का संघर्ष जारी
महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय, जोधपुर, की व्यवस्थाएं पिछले 13 महीनों से शुरू होने का इंतजार कर रही हैं। इस दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. कुसुम लता भंडारी ने विषम परिस्थितियों में भी विश्वविद्यालय को सुचारू रूप से चलाने का प्रयास किया है।
- कुलपति कुसुम लता भंडारी लंग्स में समस्या के चलते खुद ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहते हुए भी विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी निभा रही हैं।
- विश्वविद्यालय संचालन के लिए अब तक 30 बीघा जमीन आवंटित हो पाई है, लेकिन रजिस्ट्रार और अन्य पदों पर नियुक्तियां अभी बाकी हैं।
- तनख्वाह न मिलने के बावजूद, डॉ. भंडारी ने अपनी पेंशन से विश्वविद्यालय के प्रारंभिक कार्यों को आगे बढ़ाया है।
डॉ. भंडारी ने उम्मीद जताई कि विधानसभा, लोकसभा और उपचुनाव की व्यस्तता खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिव्यांग विश्वविद्यालय पर ध्यान देंगे।
गौरतलब है कि मारवाड़ यूनिवर्सिटी के लिए एक करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, और उसी समय दिव्यांग विश्वविद्यालय की घोषणा हुई थी। अब राज्य सरकार से अपेक्षा है कि इस विश्वविद्यालय के संचालन और दिव्यांग समुदाय के लिए आवश्यक सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।