घर घर श्याम-हर घर श्याम अभियान के तहत चल रहा 100 मूर्तियों का निर्माण
19 जनवरी को विधि विधान से 100 मंदिरों में स्थापित होगी श्याम बाबा की मूर्ति, श्याम भक्ति सेवा संस्थान द्वारा लिए गए संकल्प को किया जा रहा साकार, संस्थान ने आयोजन समिति की घोषणा
जोधपुर।
हारे के सहारे के रूप में पूरी दुनिया में मशहूर हुए खाटू वाले श्याम बाबा का पर्चा पश्चिमी राजस्थान में भी तेजी से फैल रहा है उसी के चलते श्याम बाबा के प्रति श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए जोधपुर के श्याम भक्ति सेवा संस्थान ने जोधपुर के 100 मंदिरों में श्याम बाबा की मूर्ति निशुल्क रूप से स्थापित करने का निर्णय लेने के साथ घर-घर श्याम हर घर श्याम अभियान का आगाज किया है,संस्थान की अध्यक्ष मोनिका प्रजापत ने बताया कि,इस अभियान के तहत शुरुआत करते हुए पहली श्याम बाबा की मूर्ति सीमा सुरक्षा बल के फ्रंटियर मुख्यालय परिसर में स्थित मंदिर में पिछले दिनों विधि विधान से स्थापित की गई थी, और अब शेष 99 मंदिरों में श्याम बाबा की मूर्ति स्थापित करने के लिए तैयारियां जोर-जोर से चल रही है, 19 जनवरी को सामूहिक रूप से 99 मूर्तियों की पूजा अर्चना करने के बाद अलग-अलग मंदिरों में श्याम बाबा की मूर्ति स्थापित की जाएगी। इसके लिए बाकायदा 24 सदस्यों की आयोजन समिति का गठन किया गया है।
संस्थान के अध्यक्ष मोनिका प्रजापति ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस आयोजन को व्यवस्थित रूप से आयोजित करने के लिए 24 सदस्यों की एक आयोजन समिति का गठन किया गया है,जिसमें रमेश खंडेलवाल,जीवन जाखड़,
पुखराज जांगिड़,दिलीप मेहता,दीपक भूतड़ा,मोहित हेड़ा, जितेंद्र सिंह राजपुरोहित,कन्हैया लाल सबनानी,राजेंद्र पुरोहित,गौतम उपाध्याय,बिंदु टाक,नीतू कच्छवाहा, अनुपमा सांखला, मोनिका टाक,प्रतिभा केसवानी,नेहा असवानी, ललिता शर्मा,प्रदीप प्रजापति, रश्मि शर्मा, मंजू प्रजापति नवीन भाटी, मनीष गहलोत,निश्चल सोलंकी और दिक्षित परिहार को शामिल किया गया है।इस आयोजन में सचिव राजकुमार रामचंदानी और कोषाध्यक्ष जगदीश कुमार के अलावा कार्यकारिणी सदस्य लक्की गोयल,हेमंत लालवानी और कृष्णा गौड़ के अलावा ये आयोजन समिति इस आयोजन की सफलता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
बरसों से मूर्तियां बनाने का काम करने वाले जयशंकर चौहान अपने पूरे परिवार के साथ पूरी शिद्दत से श्याम बाबा की मूर्तियां मनाने में जुटे हुए हैं।मूर्तिकार जयशंकर चौहान बताते हैं कि यह उनके लिए पहला अवसर है जब एक ही ईश्वर की 100 मूर्तियां बनाने का अवसर उन्हें मिला है और समय पर मूर्तियां बनाकर जब एक साथ 100 मूर्तियां पूजन के बाद स्थापित की जाएगी तो हमें भी दिल से खुशी मिलेगी।