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Saturday, April 19, 2025

दोहरीकरण से और कम होंगी जोधपुर से जयपुर के बीच की दूरियां-डीआरएम
-रेलवे ने प्रशस्त किए पश्चिमी राजस्थान में विकास के मार्ग
-इसी वर्ष जुलाई में पूरी होंगी परियोजना

दोहरीकरण से और कम होंगी जोधपुर से जयपुर के बीच की दूरियां-डीआरएम
-रेलवे ने प्रशस्त किए पश्चिमी राजस्थान में विकास के मार्ग
-इसी वर्ष जुलाई में पूरी होंगी परियोजना

जोधपुर,17 फरवरी। उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने दो सौ किलोमीटर से भी अधिक रेल मार्ग का दोहरीकरण कर पश्चिमी राजस्थान में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। अंग्रेजों के जमाने में बिछी इकहरी लाइन का दोहरीकरण कार्य पूरा होने के साथ ही प्रदेश के प्रमुख शहरों जोधपुर और जयपुर के बीच की दूरियां अब और कम हो जाएंगी।
मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पांडेय ने शुक्रवार को इस संबंध में बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के निर्देशानुसार उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन के महाप्रबंधक विजय शर्मा की अगुवाई में जोधपुर मंडल ने लक्ष्यानुसार 254 किलोमीटर रेल मार्ग का दोहरीकरण कर विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में विकास के मार्ग प्रशस्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।
उन्होंने बताया कि लगभग 1510 करोड़ रुपए की लागत वाली इस बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना की लंबाई 254 किलोमीटर है जो फुलेरा से राइकाबाग रेल खंडों के बीच पूरी की जा रही है । उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत अब तक 204 किलोमीटर रेल मार्ग कुचामन सिटी से राइकाबाग तक दोहरीकरण का कार्य पूरा करवा लिया गया है तथा सीआरएस द्वारा कार्य का निरीक्षण कर स्पीड ट्रायल भी सफलतापूर्वक ले लिया गया है, फिट मिलते ही पीपाड़ रोड से राइकाबाग के दोहरीकृत रेल मार्ग पर भी ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो जाएगा । मौजूदा समय में जोधपुर मंडल पर कुचामन सिटी से पीपाड़ रोड तक डबल लाइन पर ट्रेनों का संचालन सुगमता से किया जा रहा है।
डीआरएम ने बताया कि फुलेरा-राइकाबाग रेल लाइन पश्चिम राजस्थान को देश से जोड़ने के साथ ही सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रेलमार्ग है एवं इस मार्ग के सिंगल लाइन होने के कारण ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए रुकना पड़ रहा था। यात्री यातायात व मालगाड़ियों के आवागमन के मद्देनजर इस मार्ग पर दोहरीकरण कार्य को इस प्रकार किया जा रहा है कि इस पर अधिक से अधिक रेल सेवाओं का संचालन तीव्र गति एवं समयपालनता से किया जा सके।
डीआरएम का कहना है कि इस महत्वपूर्ण कार्य के संपूर्ण होने पर यात्रियों को तो सुविधा मिलेगी ही साथ ही पश्चिमी राजस्थान में औद्योगिक विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी और इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
बढ़ेगी लाइन की कैपेसिटी दोहरीकरण से इस रेलवे लाइन की कैपेसिटी बढ़ जाएगी और इस पर ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा। इसके अलावा कई ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ जाएगी और वह कम समय में पहुंचना प्रारंभ होगी। इसके साथ ही माल गाड़ियों की स्पीड भी बढ़ जाएगी जिससे व्यापारियों को समय पर सामान की डिलीवरी मिल सकेंगी।
इन स्टेशनों के बीच हो चुका दोहरीकरण
जोधपुर मंडल के 204 किलोमीटर मार्ग पर चरणबद्ध तरीके से दोहरीकरण का कार्य करवाया गया है। जिसमें से कुचामन सिटी से राइकाबाग तक का कार्य पूर्ण हो चुका है।
अब आगे क्या
परियोजना के अंतर्गत फुलेरा से कुचामन सिटी तक 50 किलोमीटर रेलवे मार्ग का दोहरीकरण कार्य तीन चरणों में पूरा होगा जिसके तहत फुलेरा से गोविंदी मारवाड़ के बीच 27 किलोमीटर रेल मार्ग पर इस वर्ष मई तक तथा गोविंदी मारवाड़ से नावां 16 किलोमीटर तथा नावां से कुचामन सिटी तक साढ़े सात किलोमीटर रेल मार्ग का दोहरीकरण जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य है।

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