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Sunday, April 20, 2025

धनतेरस के साथ दीपोत्सव का आगाज, बाजार हुए गुलजार

12 नवंबर को मनाई जाएगी दिवाली, गोवर्धन पूजन 14 और भाई दूज 15 को
जोधपुर। खुशियों व रोशनी का पर्व दीपोत्सव आज धनतेरस के साथ शुरू हो गया। इस बार दीपावली का त्योहार तिथियों के भुक्त-भोग्य यानि घटने-बढऩे के कारण पांच की जगह छह दिन तक मनाया जाएगा। दीपावली महापर्व आज धनतेरस से शुरू हुआ इसके बाद छोटी दीपावली या रूप चौदस 12 नवम्बर और दीपावली भी 12 नवम्बर, अन्नकूट व गोवर्धन पूजा 14 नवम्बर और भाईदूज 15 नवम्बर को मनाई जाएगी।
जोधपुर में धनतेरस पर्व पर बाजार में सोने, चांदी के सामान की खरीदारी को लेकर रौनक है। इस बार ज्वैलरी सहित रियल एस्टेट, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल, कपड़ा मार्केट में करोड़ों रुपए की बिक्री हुई। बाजार में धनतेरस पर ग्राहकों की भीड़ नजर आई। इस बार दीपावली महोत्सव को लेकर व्यापारियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। शहर के घंटाघर, नई सडक़, त्रिपोलिया बाजार, सरदारपुरा, चौपासनी, बासनी, कुड़ी, बीजेएस, बनाड़, शिकारगढ़ बाजार में शुक्रवार को ग्राहकों की भीड़ नजर आई। मान्यता है कि धनतेरस पर की गई खरीदारी सुख समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन लोग अपनी पसंद के हिसाब से सोना चांदी से लेकर बर्तन, झाड़ू सहित जरूरत के अन्य सामान भी खरीदते हैं।
पांच शुभ योगों में मनाई धनतेरस
दीपोत्सव का आगाज शुक्रवार को भगवान धन्वंतरि के प्राकट्स दिवस धनतेरस के रूप में किया गया। परंपरानुसार, धन और समृद्धि के लिए धनतेरस मंत्र के साथ देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की गई। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि शुक्रवार को दोपहर में शुरू हुई। यह तिथि अगले दिन शनिवार को दोपहर 1.57 बजे तक रहेगी। चूंकि धनतेरस का त्योहार प्रदोष काल में मनाने की परंपरा है, इसलिए यह आज मनाई गई। धनतेरस पर आज 4 राजयोग और एक 1 शुभ योग सहित 5 योगों का महासंयोग रहा। इन 5 योगों के कारण धनतेरस और भी खास हो गई। इसमें प्रीति, वरिष्ठ, सरल, शुभकर्तरी और सर्वार्थसिद्धि योग शामिल हैं।
सात सौ साल बाद बन रहे आठ शुभ संयोग
इस बार सात सौ साल बाद दीपोत्सव पर आठ शुभ संयोग बनेंगे। ये शुभ संयोग महालक्ष्मी, सौभाग्य, आयुष्मान, गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा योग होंगे। इस दीपावली शुभ संयोग होने के साथ ही शुभ संकेत भी रहेंगे। दीपावली पर शुभ योगों की ऐसी स्थिति पिछले 700 सालों में नहीं बनी। इतने शुभ संयोग बनने से ये लक्ष्मी पर्व सुख-समृद्धि देने वाला रहने के साथ ही दीपावली पर बन रही ग्रह स्थिति देश की तरक्की का शुभ संकेत भी देगी। इसके साथ ही दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश और सरस्वती पूजन के साथ हनुमानजी, यमराज, चित्रगुप्त, कुबेर, भैरव, कुलदेवता और अपने पितरों का पूजन करना भी शुभ रहेगा, वहीं जातकों को अपने घरों में इस दिन श्रीसूक्त और विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पं. अनीष व्यास ने बताया कि 11 नवंबर को रूप चतुर्दशी पर चित्रा नक्षत्र व प्रीति योग व 12 नवंबर को दीपावली पर स्वाति नक्षत्र व आयुष्मान योग रहेगा। तेरह नवंबर को सोमवती अमावस्या है इसलिए 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 15 नवंबर को भाई दूज मनाई जाएगी। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है लेकिन इस बार 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या आ रही है उस दिन दोपहर 2.57 के बाद ही प्रतिपदा शुरू होगी जो 14 नवंबर को दोपहर 2.37 बजे तक रहेगी। चूंकि तिथि का मान सूर्योदय से 7 घंटे 12 मिनट से ज्यादा रहेगा, ऐसे में गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को की जाएगी और इसके बाद भैयादूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा।

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