जोधपुर। सिंधी कल्चरल सोसायटी जोधपुर एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ रंगकर्मी हरीश देवनानी के मार्ग निर्देशन में सिंधी लोकनाट्य भगत के तहत सिंधी लोक नाटक ससुई पुन्हु का प्रभावशाली मंचन अजमेर के युवा भगत लवी कमल के निर्देशन में सिंधु महल में किया गया जिसमें सिंधी वेलफेयर एंड मेडिकल सोसायटी का भी सहयोग रहा।लोककथा ससुई पुन्हु सिंधी भाषा के साहित्यकार शाह अब्दुल लतीफ की सत् सुरमियूं के तहत सात प्रेम कथाओं में से एक कथा है जिसे अजमेर निवासी भगत के कलाकार लवी भगत के साथ अन्य कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में दर्शकों के सामने इस कथा का मंचन कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। सिंधी कलाम, नृत्य तथा संगीतमय संवाद भरपूर इस प्रस्तुति में इस कहानी को कलाकारों ने संगीत, सिंधी कलाम, नृत्य और संवादों के माध्यम से दर्शको तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की। इस भगत कार्यक्रम में लवी भगत के साथ कोरस कलाकार के रूप में इंद्र भगत, ने साथ देकर शानदार समा बांदा जिससे दर्शकों को नृत्य करने पर मजबूर होना पड़ा और सुधि दर्शकों ने विभिन्न प्रसंगों के तहत आनंद लिया तथा दुखदाई घड़ी में आम दर्शक अपने आंसू नहीं रोक पाए। नाटक की शुरुआत बेङी मुहिनजि बेङी सभिनिनजी गीत से की।इस मौके पर प्रारंभ में गोविंद करमचंदानी, राजकुमार परमाणी, महेश संतानी, प्रभु टेवानी, राजकुमार भागवानी, दिनेश भंबानी, प्रेम थदानी, हेमन लालवानी, विजय भक्तानी, सुशील मंगलानी ने सई झूलेलाल के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। स्मिता थदानी, आरती मंगलानी, गोविंद राम सबनानी, डिंपल ज्ञानानी, लता धनवानी, रितिका मनवानी, राजेंद्र खिलरानी, प्रकाश खेमानी सहित अन्य कलाकारों तथा कला प्रेमियों का सहयोग रहा जबकि मंच सज्जा रमा आसनानी, रंग दीपन अशोक कृपलानी का रहा। संपूर्ण प्रस्तुति में धर्म निरपेक्षता, नारी सशक्तिकरण, स्वच्छता अभियान तथा अखंड भारत और विकसित भारत का भी संदेश दिया गया। संयोजक राजेंद्र खिलरानी ने बताया कि लुप्त हो रही भगत कला को दर्शकों के बीच पहुंचाना आज की जरूरत है जिससे कि सिंधी लोक कला एवं संस्कृति से आमजन और खासकर युवा वर्ग आत्मसात हो सके।