16.4 C
New York
Thursday, May 15, 2025

विनय धर्म का मूल, इसके बिना ज्ञान नहीं: आचार्य तत्वदर्शन

जोधपुर। भैरू बाग पाश्र्वनाथ जैन तीर्थ में चल रही चातुर्मासिक प्रवचन माला को संबोधित करते हुए आचार्य तत्वदर्शन सूरिश्वर ने कहा कि पाप का प्रवेश द्वार आंख एवं धर्म का प्रवेश द्वार कान है।
उन्होंने कहा कि विनय धर्म का मूल है। इस गुण के बिना कोई भी व्यक्ति ज्ञान प्राप्त नही कर सकता। ज्ञान प्राप्ति करने के रुचि का होना भी अतिआवश्यक है। यदि विनय गुण के साथ साथ रुचि का समावेश हो जाए तो यह सोने पे सुहागा जैसा है। बिना रुचि के धर्म मात्र आडंबर स्वरूप कर लेना कभी फलदायी नही हो सकता। भले दिखावे के लिए कितनी ही धर्म क्रियाएं कर लो वे सारी निरर्थक ही साबित होगी। आचार्य ने कहा की इच्छाएं अनंत है। फिर भी स्वत: हो जाती है। भावना उत्पन्न करनी पड़ती है। ठीक उसी प्रकार जैसे घास स्वत: उग जाता है लेकिन अनाज को बोना पड़ता है। खानपान की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा खानपान शुद्ध एवं सात्विक होना चाहिए। जैसा खाए अन्न वैसा होवे मन। उन्होंने साधु संतों को भी विवेक के साथ निर्दोष आहार कैसे वहाराया जा सके इसकी भी प्रेरणा दी। तीर्थ के प्रवक्ता दिलीप जैन एवं सचिव जगदीश गांधी ने बताया कि धर्म सभा में गुरुवर ने 27 जुलाई से प्रारंभ होने वाले वाले सिद्धि तप की आराधना में भी ज्यादा से ज्यादा श्रावक एवं श्राविकाओं को जुडऩे का आह्वान किया।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Follow Me

16,500FansLike
5,448FollowersFollow
1,080SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

Hide Ads for Premium Members by Subscribing
Hide Ads for Premium Members. Hide Ads for Premium Members by clicking on subscribe button.
Subscribe Now